Publish Date: January 13 2018 04:57:48pm
नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): शराब और बीयर में अल्कोहल की मात्रा तय करने को लेकर मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस कदम के तहत देश में प्रयोगशालाएं बनाई जानी हैं और विभिन्न राज्यों से बनने वाली इन प्रयोगशालाओं के लिए राज्य सरकारों से प्रोजेक्ट्स आमंत्रित किए गए हैं। अल्कोहल मात्रा तय करने के नियमों का पालन नहीं हुआ तो इन शराब कंपनी का लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने जो मानक तैयार किए हैं उन मानकों का उल्लंघन करने पर जेल भी हो सकती है। देश में बिक रही कई मशहूर कंपनियों की शराब में 60 से 70 फीसदी तक अल्कोहल मिल रहा है। इस बाबत एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने बताया कि अल्कोहल की मात्रा सीमित करने का प्रस्ताव कुछ ही समय पहले मंजूरी के लिए मंत्रालय भेजा गया है। इस पर तीन वर्ष से काम चल रहा था।
ये हैं मानक
-व्हिस्की और रम के लिए अल्कोहल की न्यूनतम सीमा 36 और अधिकतम 50 फीसदी है।
-बीयर के लिए यह 5 से 8 और ताड़ी जैसी देशी शराब के लिए 19 से 43 फीसदी के बीच होगी।
-बताया जा रहा है कि वाइन में 7.5 से 15 फीसदी तक ही अल्कोहल रहेगा।
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