चंडीगढ़, (धरणी) : हरियाणा में पानी की उपलब्धता व मांग के अंतर को कम करने के उद्देश्य से जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए शुरू की गई द्विवार्षिक जल संसाधन कार्य योजना (2023-2025) के अब धरातल पर सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। कार्य योजना के तहत दिसंबर 2023 तक 2,60,498 करोड़ लीटर पानी की बचत का लक्ष्य था, जिसका 95 प्रतिशत यानी 2,48,702 करोड़ लीटर पानी की बचत के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है।
यह जानकारी आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की बैठक के दौरान दी गई।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन गांवों में भू-जल स्तर सबसे अधिक नीचे चला गया है, उन गांवों में भू-जल रिचार्जिंग की योजनाएं सबसे पहले क्रियान्वित करें। इसी प्रकार, जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या हाल ही में शुरू हुई है, उन क्षेत्रों में इस समस्या को सबसे पहले दूर करें ताकि ऐसे क्षेत्रों को त्वरित ठीक किया जा सके। उन्होंने मार्च 2024 तक पानी की बचत करने के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। ऐसे क्षेत्र जहां जलभराव की समस्या है, लेकिन वहां भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है, इन इलाकों में भूजल रिचार्जिंग के लिए वैज्ञानिक अध्ययन किया जाए
मनोहर लाल ने निर्देश देते हुए कहा कि हरियाणा में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जलभराव की समस्या है, लेकिन वहां भू-जल स्तर काफी नीचे चला गया है। इसका प्रमुख कारण केमिकल युक्त उर्वरकों का अत्यधिक इस्तेमाल है, जिसके कारण मिट्टी की परत मोटी होने के साथ-साथ क्ले का रूप ले चुकी है।
बैठक में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा केशनी आनंद अरोड़ा ने बताया कि प्राधिकरण ने उद्योग, खनन और बुनियादी ढांचे/वाणिज्यिक संस्थाओं को भूजल दोहन के लिए एनओसी देने के लिए इन-हाउस ऑनलाइन सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे समर्पित प्रयासों के लिए प्राधिकरण की कार्यप्रणाली की सराहना की।
श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने बताया कि वर्ष 2022-23 के दौरान, प्राधिकरण ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को जल संरक्षण परियोजनाओं के लिए 65.01 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है।
बैठक में श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि द्विवार्षिक जल संसाधन कार्य योजना (2023-2025) के तहत अभी तक प्राप्त सफलताओं में 2,45,493 एकड़ क्षेत्र में डीएसआर तकनीक से धान की सीधी बिजाई, 2,44,464 एकड़ में फसलों की किस्मों में सुधार, सूक्ष्म सिंचाई को अपनाना तथा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ के पानी के संरक्षण के लिए 26 जल भण्डारों का निर्माण करना शामिल है।
बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, मुख्यमंत्री की अतिरिक्त प्रधान सचिव आशिमा बराड़ और कृषि विभाग के निदेशक राजनारायण कौशिक, हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. बी आर कंबोज सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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