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एफएओ ने दी अफगानिस्तान की ‘गेहूं की टोकरी’ में टिड्डियों के हमले की चेतावनी

काबुल (उत्तम हिन्दू न्यूज): संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने देश की ‘गेहूं की टोकरी’ अफगानिस्तान के आठ प्रांतों में बड़े पैमाने पर मोरक्को के टिड्डियों के प्रकोप की चेतावनी दी है। हेरात और घोर प्रांतों से ताजा रिपोर्ट आने के साथ, बदख्शां, बादगीस, बागलान, बल्ख, कुंदुज, समांगन, सर-ए-पुल और तखर में टिड्डियों के देखे जाने की सूचना मिली है।

अफगानिस्तान में एफएओ प्रतिनिधि रिचर्ड ट्रेंकार्ड ने कहा,अफगानिस्तान की गेहूं की टोकरी में मोरक्कन टिड्डे के प्रकोप की रिपोर्ट एक बड़ी चिंता है। मोरक्को के टिड्डे पौधों की 150 से अधिक प्रजातियों को खाते हैं, इनमें पेड़ की फसलें, चरागाह और 50 खाद्य फसलें शामिल हैं, जो अफगानिस्तान में उगती हैं।

ट्रेंकार्ड ने कहा,इस साल अफगानिस्तान में फसल का पूवार्नुमान बहुत अच्छा है, लेकिन यह टिड्डियों के प्रकोप खतरे में है।

गौरतलब है कि मोरक्कन टिड्डे दुनिया में सबसे अधिक फसलों को हानि पहुंचाते हैं। इस वर्ष इनके हमले से कुल वार्षिक फसल का एक चौथाई तक नुकसान होने की आशंका है।

अफगानिस्तान के उत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्र मोरक्को के टिड्डियों के प्रकोप से ग्रस्त हैं।

इस साल टिड्डियों के प्रकोप के लिए बहुत अनुकूल वातावरण है। सूखा, अत्यधिक चराई, मार्च और अप्रैल में बारिश की सही मात्रा लगभग 100 मिमी मात्रा टिड्डियों को प्रकोप के लिए आदर्श स्थिति है।

अफगानिस्तान के इन हिस्सों में, मोरक्कन टिड्डे पहाड़ी और रंगभूमि क्षेत्रों में पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर मई और जून के बीच अंडे देते हैं। युवा टिड्डियां अगले वर्ष मार्च के अंत में अंडे से निकलती हैं और आसपास की घासों को खाना शुरू कर देती हैं।

इस साल हैचिंग सामान्य से पहले शुरू हो गई है।

ट्रेंकार्ड ने कहा, खतरे की चेतावनी देर से दी गई, लेकिन एफएओ, इसके एनजीओ पार्टनर, स्थानीय समुदाय और स्थानीय अधिकारी तत्काल कार्रवाई में जुट गए।

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