चंडीगढ़ (उत्तम हिन्दू न्यूज): पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत मीत हेयर ने कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए अध्यापक वर्ग का कीमती योगदान रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में मेरिट से चुने हुए अध्यापक भर्ती होते हैं और वे अपनी बेहतर पढ़ाने की तकनीकों से स्कूली शिक्षा को और गुणवत्तापूर्ण बना सकते हैं। स्कूल प्रमुख अपने स्टाफ की सहायता से बढ़िया जुगतबंदी करके बच्चों में आत्म-विश्वास बढ़ा कर गुणवत्तापूर्वक शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।
श्री मीत हेयर ने स्कूल शिक्षा विभाग के ऐजूसेट्ट द्वारा पंजाब के समूह ज़िला शिक्षा अफ़सरों (सेकेंडरी और एलिमेंट्री शिक्षा), डायट प्रिंसिपल, ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अफ़सरों, सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल, मुख्य अध्यापक और इंचार्जों के साथ शिक्षा सुधारों को लेकर पहली बैठक के दौरान ये बातें कही।
शिक्षा मंत्री ने सभी अधिकारियों और स्कूल मुखियों से शिक्षा सुधारों के लिए सुझाव माँगे गए हैं और वह एक बार फिर याद करवाते हैं कि यह सुझाव स्कूल प्रमुख अपने स्कूल के अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों, विद्यार्थियों और उनके माता-पिता के साथ राय-मशविरा लेकर दें।
उन्होंने कहा कि वह सरकारी स्कूलों में लगातार दौरे पर जा रहे हैं और उन्होंने दिल्ली के स्कूलों में भी अपनी टीम के साथ दौरा किया है। उन्होंने दिल्ली के बढ़िया कामों को भी साझा किया। पंजाब सरकार की भावी योजना है कि अध्यापकों से किसी किस्म का नान-टीचिंग काम नहीं लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि वह सभी सुझावों को निजी तौर पर भी पढ़ रहे हैं और इन पर विचार करके ही नयी नीति तैयार की
जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग की वेबसाइट पर माँगे गए सुझावों की तारीख़ में 31 मई, 2022 तक का विस्तार कर दिया गया है।
इस मौके पर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन योग राज, डी.पी.आई. (एलिमेंट्री शिक्षा) हरिन्दर कौर, डिप्टी एस.पी.डी. गुरजीत सिंह, डिप्टी डायरेक्टर गुरजोत सिंह, बोर्ड के वाइस चेयरमैन डॉ. वरिन्दर भाटिया, डॉ. भूपिन्दर सिंह बाठ भी उपस्थित थे।
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