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लॉकडाऊन में ठप हुए काम, पीएम स्वनिधि का लाभ उठा बदले हालात

यमुनानगर/, (मेहता)- कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में लगे लॉकडाऊन के चलते काफी लोगों का रोजगार छिन गया तो काफी का काम बंद हो गया। ट्विनसिटी के सैकड़ों स्ट्रीट वेंडर्स का भी लॉकडाऊन में काम ठप्प हो गया जिसके चलते इनके आर्थिक हालात बिगड़ गए। ऐसे में प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना का लाभ उठाकर इन स्ट्रीट वेंडर्स ने अपना काम दोबारा शुरू किया। कुछ ने अपने काम में बढ़ौतरी कर परिवार के आर्थिक हालात में सुधार किया। ट्विनसिटी के ऐसे 599 स्ट्रीट वेंडर्स हैं, जिन्होंने नगर निगम के माध्यम से पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लेकर अपनी जिंदगी बदली। आज ये स्ट्रीट वेंडर्स सुखी जीवन जी रहे हैं। इनमें से कुछ स्ट्रीट वेंडर्स की सफलता की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं। कैसे इन लोगों ने सरकार की योजना का लाभ उठाकर अपनी जिंदगी बदली। योजना का लाभ उठाने के बाद परिवारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मेयर मदन चौहान का आभार जताया है।
लॉकडाऊन में पीएम स्वनिधि से मिला सहारा : रमेश
रामपुरा कालोनी निवासी रमेश कुमार ने बताया कि वह मीरा बाई बाजार में गारमेंट्स का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था, लेकिन साल 2020 में लॉकडाऊन लगने के कारण उसकी वित्तीय स्थिति खराब हो गई थी जिसके कारण गुजारा करना काफी कठिन हो गया था। नगर निगम के माध्यम से उसे पता चला था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि के तहत दस हजार रुपए का ऋण दिया जा रहा है। उसने नगर निगम कार्यालय में अपना पंजीकरण करवाया। अगस्त 2020 में उसे इंडियन बैंक से दस हजार रुपए का ऋण प्राप्त हुआ। इस धनराशि से उसने अपने रोजगार में और वृद्धि की। वहीं टैगोर गार्डन निवासी दिनेश ने बताया कि उसके परिवार में कुल छह सदस्य है। वह मॉडल टाउन में फलों की रेहड़ी लगाकर परिवार का पालन पोषण करता था, लेकिन साल 2020 में लॉकडाउन लगने के कारण उसका काम ठप हो गया। इसी दौरान उसे सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स के लिए चलाई योजना के तहत दस हजार रुपए के ऋण मिलने का पता चला। नगर निगम कार्यालय में आकर उसने पीएम स्वनिधि के तहत ऋण लेने के लिए पंजीकरण करवाया। जगाधरी की आशियाना कॉलोनी निवासी मनीष ने बताया कि वह मॉडल टाउन में लेमन सोडा व जलजीरा की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा चलाता था। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में जहां उसका काम बंद हो गया, वहीं, परिवार के आर्थिक हालत इतने खराब हो गए कि वे दोबारा अपना काम शुरू नहीं कर पाया। इसके बाद उसने पीएम स्वनिधि योजना का पता चला और नगर निगम के माध्यम से ऋण के लिए पंजीकरण करवाया। कुछ दिनों बाद ही उसे पंजाब नेशनल बैंक गोविंदपुरी से अप्रैल 2021 में 10 हजार का लोन मिला।

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