अमृतसर/दीपक मेहरा
भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) के 59वें स्थापना दिवस पर अमृतसर स्थित भगवान वाल्मीकि तीर्थ पर धर्म गुरु स्वामी चंद्रपाल अनार्य जी और मुख्य संचालक वीरश्रेष्ठ नरेश धींगान के नेतृत्व में मनाए जाने वाले आदि धर्म महापर्व की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह दिन वाल्मीकि समाज के लिए महान पर्व है। इस कारण इसे मनाने को लेकर समाज में भारी उत्साह है। समारोह में देश भर से राजनेता, सामाजिक व धार्मिक नेता शामिल होंगे।
समागम की तैयारियों संबंधी अमृतसर पहुंचे भावाधस के राष्ट्रीय महासचिव (कार्यवाहक) वीरश्रेष्ठ राजकुमार साथी ने बताया कि बाबा साहिब डॉ. भीम राव अंबेडकर जी का परिनिर्वाण होने के बाद वाल्मीकि समाज यहां-वहां भटकने लगा था। तब लुधियाना की पावन धरती पर बुद्धिजीवियों ने मिलकर वाल्मीकि समाज के विकास का खाका तैयार करते हुए आदि धर्म की स्थापना के लिए वाल्मीकि धर्म समाज का गठन किया। यह संगठन आज एक विशाल वृक्ष बनकर समाज के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक व धार्मिक विकास के लिए लगातार काम करता आ रहा है। आने वाली पीढ़ी को धर्म समाज की स्थापना का महत्व बताने के लिए यह दिन भावाधस की ओर से अमृतसर के भगवान वाल्मीकि तीर्थ पर आदि धर्म महापर्व के रूप मेें मनाया जाता है। वीरश्रेष्ठ राजकुमार साथी ने बताया कि आदि धर्म महापर्व को मनाने के लिए सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान समेत कई कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, पूर्व मंत्रियों और कांग्रेस, भाजपा व आम आदमी पार्टी समेत सभी पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। देश के 19 राज्यों से 10 हजार से अधिक संख्या में संगत इस समागम में शामिल होगी। लुधियाना और पंजाब से भी हजारों की संख्या में भावाधस के कार्यकत्र्ता 24 मई को भगवान वाल्मीकि तीर्थ अमृतसर पर पहुंचेंगे।
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