नई दिल्ली(उत्तम हिन्दू न्यूज)- भारत में जी-20 समिट की तैयारियां जोरों पर हैं और सुरक्षा चाक-चौबंद है। इस बीच केंद्रीय खुफिया एजेंसियां अलगाववादी की गतिविधियों पर भी नजर बनाए हुए हैं। इसमें दिल्ली पुलिस की भी मदद ली जा रही है, लेकिन खासतौर पर साइबर स्पेस में केंद्रीय एजेंसियों की नजर है। खबरें हैं कि अलगाववादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने कई ऐसी वेबसाइट्स बना ली हैं, जिनके जरिए वह भारत की छवि को खराब करने की कोशिश में है। इन पर एजेंसियों की नजर है और लगाम कसी जा रही है। इन वेबसाइट्स पर आईटी ऐक्ट के सेक्शन 69A के तहत बैन लगाने की भी तैयारी है।
पिछले साल प्रतिबंधित किए गए सिख्स फॉर जस्टिस संगठन लगातार किसानों और सिखों को उकसाने की कोशिश करता रहा है। पंजाब के अलावा यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में भी लोगों को उकसाने की कोशिश अलगाववादी संगठन करता रहा है। इसका सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू तो कश्मीर के मुसलमानों से भी अपील कर चुका है कि वे जी-20 समिट के दौरान प्रदर्शन करें। पिछले दिनों दिल्ली में कई जगहों पर दीवारों पर अलगाववादी नारे लिखे पाए गए थे। जी-20 समिट से ठीक पहले इन हरकतों ने दिल्ली पुलिस के कान खड़े कर दिए थे।
इसके बाद से ही अलर्ट रखा जा रहा है और पुलिस हर इलाके में नजर बनाए हुए है। अब अलगाववादी ऑनलाइन स्पेस में भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जी-20 की आधिकारिक वेबसाइट जैसी ही उसने कई साइट्स लॉन्च कर दी हैं। इनमें वह ऐसी सामग्री भी अपलोड कर रहा है, जिससे भारत की छवि खराब हो। भारत में 8 से 10 सितंबर तक जी-20 समिट का आयोजन है और उससे पहले खुफिया एजेंसियां, दिल्ली पुलिस कोई कसर नहीं चाहते। कहा जा रहा है कि सिख्स फॉर जस्टिस संगठन ने कई ऐसे वीडियो भी ऑनलाइन स्पेस में शेयर किए हैं, जो भारत की छवि को खराब ढंग से पेश करते हैं।
पिछले महीने दिल्ली के शिवाजी पार्क, मादीपुर, पश्चिम विहार, उद्योग विहार, महाराज सूरजमल स्टेडियम और पंजाबी बाग समेत कई इलाकों में दीवारों पर अलगाववादी नारे लिखे गए थे। कहा जा रहा है कि दिल्ली में लिखे गए नारों के वीडियो बनाकर अलगाववादी आकाओं को भेजे गए थे, जो अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में सेटल हैं। अब जी-20 समिट से पहले अलगाववादी तत्व फिर से कोई हरकत न कर पाएं, इसे लेकर प्रशासन सक्रिय है। दिल्ली पुलिस को भी दिल्ली पुलिस में निगरानी को कहा गया है। इलाकों को जोन में बांटकर दिल्ली पुलिस को यह काम सौंपा गया है।
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