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कौशल विकास घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, FIR रद्द करने की मांग

नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कौशल विकास घोटाले के आरोपों में गिरफ्तार तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने कौशल विकास भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इंकार कर दिया था और उनकी याचिका खारिज कर दी थी। नायडू की याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।

इससे पहले दिन आंध्र प्रदेश पुलिस की एक टीम ने राजामहेंद्रवरम की जेल में कौशल विकास निगम घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू से पूछताछ शुरू की। शुक्रवार को विजयवाड़ा की एसीबी कोर्ट ने आगे की पूछताछ के लिए नायडू की दो दिन की पुलिस हिरासत सीआईडी को दे दी थी। दोनों दिन 23 और 24 सितंबर को सुबह 9.30 बजे से शाम 5 बजे तक पूछताछ की इजाजत दी गई है।

क्या है कौशल विकास घोटाला
सीआईडी ने मार्च में कौशल विकास से संबंधित घोटाले की जांच शुरू की थी, जिसका गठन 2016 में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने के लिए ट्रेनिंग देने के लिए गया था। पिछली टीडीपी सरकार ने 3,300 करोड़ की परियोजना को सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया लिमिटेड और डिजाइन टेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक प्रोजेक्ट पर साइन किए थे। इनको 6 कौशल केंद्र बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोई भी केंद्र नहीं बनाया।

मार्च में ही मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के ऑफिस से बयान जारी कर कहा गया कि सीमेंस उद्योग ने इस परियोजना पर एक भी रुपया खर्च नहीं किया, लेकिन राज्य द्वारा दिए गए 371 करोड़ का एक बड़ा हिस्सा निकाल लिया। साथ ही, कहा गया कि यह पूरा पैसा फर्जी कंपनियों को भेजा गया था।

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