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पंजाब विश्वविद्यालय में हिस्सेदारी को लेकर हरियाणा एवं पंजाब के मुख्यमंत्री हुए आमने-सामने

चंडीगढ़/चन्द्र शेखर धरणी- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हरियाणा की हिस्सेदारी की बहाली और हरियाणा राज्य के कॉलेजों की पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़े हैं। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की अध्यक्षता में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी के विभिन्न विषयों को लेकर सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई। बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज बहुत विकास हो रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों तक भी शिक्षा की पहुंच हो, इसके लिए सभी सरकारों को काम करना चाहिए। उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों को कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी के जो विषय हैं उन पर आपसी सहमति से आगे बढऩा चाहिए और हरियाणा के कॉलेजों की पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता का विषय बड़ा विषय नहीं है, यह करना संभव है। हरियाणा, पंजाब के इस सहयोग से निश्चित रूप से एक अच्छी शुरुआत होगी।

पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी विरासत, इसमें बदलाव सहन नहीं: भगवंत मान
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के स्वरूप में किसी भी तरह के बदलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि यह यूनिवर्सिटी राज्य की विरासत है और इसमें कोई भी बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज यहां पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एक बैठक में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य और इसके लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। भगवंत मान ने यूनिवर्सिटी से जुड़े तथ्यों को मजबूती के साथ दर्ज करते हुए कहा कि इस संस्थान के एतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रांतीय महत्व को देखते हुए इसका पंजाब के लोगों के साथ दिल और भावनात्मक रिश्ता है।

उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत का प्रतीक है और यह पंजाब के नाम की समानअर्थी भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी केवल पंजाब और उसकी राजधानी चंडीगढ़ की जरूरतों को पूरा करती है। यूनिवर्सिटी का इतिहास, कानून, विशेष, सामाजिक-सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ शिक्षक और छात्र भी मुख्य तौर से पंजाब राज्य से जुडे होने का हवाला देते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब राज्य का पंजाब यूनिवर्सिटी का मौजूदा कानूनी और प्रबंधकीय दर्जा बहाल रखा जाना चाहिए। भगवंत मान ने याद दिलाया कि वर्ष 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी को संसद द्वारा लागू किए पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 की धारा 72 (1) के अधीन इंटर स्टेट बाडी कारपोरेट घोषित किया गया था। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी अपनी शुरुआत से लेकर पंजाब में अपना कामकाज लगातार और बिना किसी बाधा के कर रही है। भगवंत मान ने याद करवाया कि इस संस्था को लाहौर जो उस समय पंजाब की राजधानी थी से होशियारपुर तबदील कर दिया गया और उसके बाद पंजाब की मौजूदा राजधानी चंडीगढ़ में तबदील कर दिया । उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में 175 कॉलेज यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त है और यह कालेज फाजिल्का, फिरोजपुर, होशियारपुर, लुधियाना, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब और एसबीएस नगर में स्थित है।

हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से की जाए- खट्टर
बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा राज्य का हिस्सा दिया गया था और हरियाणा के कॉलेज और क्षेत्रीय केंद्र पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध थे। लेकिन 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि आज के युग में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से भी राज्यों के कॉलेजों की संबद्धता हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि सभी शिक्षण संस्थान देश की उन्नति में सहयोग करें और सभी राज्यों का आपसी संबंध और प्रगाढ़ हों। इसलिए हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से की जाए।

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में हरियाणा के कॉलेज का भी होना चाहिए एफिलिएशन
खट्टर ने कहा कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय, जिसमें हरियाणा के कॉलेज का भी एफिलिएशन होना चाहिए। केंद्र के साथ मिलकर हरियाणा सरकार पंजाब विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाएगी ताकि विश्वविद्यालय समृद्ध बने और उसकी अवश्यकताएं भी पूरी हों। बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ, हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना लोक संपर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव रतन, सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव आदित्य दहिया, पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो रेनू विग सहित पंजाब और चंडीगढ़ के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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