Saturday, September 30, 2023
ई पेपर
Saturday, September 30, 2023
Home » हज हाउस का निर्माण एक ‘धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है, धार्मिक नहीं’: उच्च न्यायालय

हज हाउस का निर्माण एक ‘धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है, धार्मिक नहीं’: उच्च न्यायालय

SCHOOL OF EMINEC PUNJAB

मुंबई(उत्तम हिन्दू न्यूज)- बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि हज हाउस का निर्माण एक “धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है, धार्मिक नहीं”। यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने समस्त हिंदू अघाड़ी से जुड़े हिंदुत्व नेता मिलिंद एकबोटे की याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें पुणे में वर्तमान में निर्माणाधीन एक हज हाउस को ध्वस्त करने के लिए अदालत की अनुमति मांगी गई थी।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “आपको धार्मिक गतिविधि और धर्मनिरपेक्ष गतिविधि में राज्य की कृपा के बीच अंतर करना चाहिए। हज हाउस का निर्माण एक धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है। यह कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है। अपने आप को भ्रमित न करें। ” पीठ ने एकबोटे की याचिका को यह कहते हुए जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका में बदल दिया कि मामले में उनका कोई व्यक्तिगत हित नहीं है। एकबोटे की ओर से पेश वकील कपिल राठौड़ ने अदालत को बताया कि “भूमि उपयोग में बदलाव” हुआ है क्योंकि यह स्थल पुणे के कोंढवा क्षेत्र और उसके आसपास के लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए आरक्षित था। उन्होंने तर्क दिया कि हज हाउस के निर्माण के लिए भूमि का उपयोग बदल दिया गया है ।

पुणे नगर निगम के वकील अभिजीत कुलकर्णी ने कहा कि भूमि उपयोग नहीं बदला गया है। उन्होंने कहा कि इस स्थल पर विभिन्न समुदायों को अपनी सांस्कृतिक और सामुदायिक गतिविधियों के लिए जगह मिलती है। कुलकर्णी ने एकबोटे की दलील में कहा कि इमारत की दो मंजिलों का निर्माण पहले ही किया जा चुका है। पीठ ने राज्य को जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

GNI -Webinar

@2022 – All Rights Reserved | Designed and Developed by Sortd