नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय ड्रोन महोत्सव 2022 का शुभारंभ हो चुका है, जिसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। वर्ष 2030 तक भारत को ड्रोन हब बनाने का ख्वाब लेकर शुरू हुए इस महोत्सव में मेक इन इंडिया ड्रोन्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
ड्रोन को एक क्रांति के रूप में देखे जाने के पीछे विशेष कारण है, चूंकि इसके माध्यम से पार्सल डिलीवरी को बेहद आसान और सुविधाजनक बनाया जा सकता है।
इसका एक उदहारण लोकसभा सांसद देवुसिंह चौहान के ताजा कू पोस्ट में देखने को मिला। जब उन्होंने ड्रोन के माध्यम से सफलतापूर्वक दवा डिलीवरी की जानकारी शेयर करते हुए एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा, “जैसा कि देश ने #DroneMahotsav2022 मनाया, डाक विभाग ने गुजरात के कच्छ में ड्रोन के माध्यम से पार्सल की डिलीवरी के लिए सफलतापूर्वक एक पायलट परीक्षण किया। ड्रोन ने 30 मिनट में 46 किमी की हवाई दूरी को कवर करते हुए दवा पार्सल को सफलतापूर्वक वितरित किया।”
आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ समय पहले तक ड्रोन के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर भारत तेजी से इस मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। वहीं, घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही फरवरी में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध का भी ऐलान कर दिया गया था। अब केवल आरएंडडी, डिफेंस और सिक्योरिटी के लिए ही ड्रोन आयात की अनुमति है। इनके लिए भी क्लीयरेंस जरूरी होगा।
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