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नशे की लत

स्वतंत्र संस्था ‘थिंक चेंज फोरम’ के अध्ययन में सामने आया कि मानसिक सेहत से जुड़े मुद्दे, कामकाज का दबाव, बढ़ता खालीपन और बदलती सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का 10 से 17 साल की आयु वर्ग पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इससे ये बच्चे नशे की लत की ओर बढऩे लगते हैं। अध्ययन के अनुसार मादक पदार्थों के बढ़ते दुरुपयोग का प्रभाव भारत के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में होगा। भारत में कोरोना महामारी के बाद ऐसे पदार्थों की विशेष रूप से युवाओं और किशोरों में खपत चिंताजनक तरीके से बढ़ी है और इसको देखते हुए ‘थिंक चेंज फोरम’ ने इस तरह की लत की समस्या का विश्लेषण कर इसके समाधानों की सिफारिश करने के लिए विशेषज्ञों के परामर्श पर आधारित राष्ट्रीय अध्ययन शुरू किया है। प्रारंभिक नतीजों में तीन महत्त्वपूर्ण प्रवृत्तियों की ओर इशारा किया गया है, जिनसे किशोरों और युवाओं के बीच नशीले पदार्थों का उपयोग बढ़ रहा है और इन्हें तत्काल कम करने के लिए तीन महत्त्वपूर्ण हस्तक्षेप जरूरी बताए गए हैं। अध्ययन के अनुसार नशीले पदार्थों को लेकर चमक-दमक का माहौल भारत में इनका उपयोग बढऩे की पहली अहम प्रवृत्ति है।

अभिभावकों को परामर्श देने वाले सुशांत कालरा ने कहा, ‘आज फिल्मी नायक, नायिकाएं नशे को चमक-दमक के साथ दिखाते हैं। बच्चे और किशोर अपने पसंदीदा अदाकारों को फिल्मों और वीडियो सीरीज समेत विभिन्न मीडिया पर इस तरह की गतिविधियों में लिप्त देखते हैं। इस तरह का संदेश दिया जाता है कि ये गतिविधियां न केवल स्वीकार्य हैं बल्कि अत्यंत अपेक्षित हैं।’ अध्ययन के अनुसार दूसरी प्रवृत्ति ई-सिगरेट और ऐसे उत्पादों के उपयोग की है। तीसरी प्रवृत्ति कामकाज के बढ़ते दबाव और बढ़ते खालीपन के कारण मानसिक सेहत संबंधी मुद्दों से जुड़ी है। विशेषज्ञों ने इनकी रोकथाम के लिए तीन हस्तक्षेपों में संबंधित मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने को गिनाया है। बच्चों को यह बताने की भी आवश्यकता भी रेखांकित की गई है कि ई-सिगरेट तंबाकू से बेहतर विकल्प नहीं है और इस तरह के उपकरण से फेफड़ों को नुकसान हो सकता है। तीसरा महत्त्वपूर्ण हस्तक्षेप अभिभावकों और प्रशिक्षकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस तरह के नशे के खिलाफ शिक्षा के प्रसार का है।

पंजाब तो पहले ही नशे की लत को लेकर परेशान है। पाकिस्तान के नशा तस्कर लगातार सीमा पार से नशीले पदार्थ पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। कभी ड्रोन के जरिये और कभी आदमियों द्वारा हेरोइन इत्यादि की खेप पंजाब में आने का समाचार आये दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बनते हैं। पिछले अप्रैल माह में ही 50 किलो हेरोइन सुरक्षा बलों द्वारा पकड़ी गई है। नशे की लत से युवाओं को छुड़ाने तथा नशीले पदार्थों की तस्करी पर काबू पाने के लिए समाज और सरकार दोनों स्तर पर गम्भीरतापूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है।  

झुकते नवजोत सिद्धू

– इरविन खन्ना (मुख्य संपादक, दैनिक उत्तम हिन्दू)

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