-बाढ़ के कारण होने वाले नुकसान को अधिकतम घटाने के लिए पंजाब सरकार ने उठाया अहम कदम
-प्राकृतिक जल स्रोतों के आसपास के क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों को नियमित करने के लिए जल स्रोत विभाग द्वारा नोटिफिकेशन जारी
चंडीगढ़/नरेंद्र जग्गा पंजाब सरकार द्वारा बाढ़ के कारण होने वाले नुकसान को अधिकतम घटाने के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए अहम फैसला लिया गया कि कुदरती जल स्रोतों के आसपास के क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों को नियमित करने के लिए अब ड्रेन/नदी/चोअ के 150 मीटर घेरे में किसी भी प्रोजैक्ट के लिए ड्रेनेज विंग से मंजूरी लेनी लाजि़मी होगी।
आज यहां जारी प्रैस बयान में जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि हाल ही में आए बाढ़ के दौरान यह देखा गया है कि चोअ/ ड्रेन, नदियाँ आदि में कई स्थानों पर बाढ़ के पानी के बहाव में रुकावट आई है, जिस कारण सार्वजनिक संपत्ति और निजी बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस को देखते हुए विभाग द्वारा फैसला किया गया है कि अब ड्रेन/नदी/चोअ के किनारे से 150 मीटर की दूरी के घेरे में पड़ते प्रोजेक्टों को ड्रेनेज विंग से एनओसी की ज़रूरत होगी।
जल स्रोत मंत्री ने आगे बताया कि इस प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाने के लिए इसके साथ ही समर्थ अथॉरिटी को प्रोजैक्ट के क्षेत्र के अनुसार एनओसी जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कहा गया है जिससे किसी कम्पनी/एजेंसी को कोई समस्या पेश न आए। इसके साथ ही दो एकड़ तक क्षेत्रफल के लिए मंजूरी देने का अधिकार एक्सियन, 2 से 25 एकड़ तक क्षेत्रफल के लिए चीफ़ इंजीनियर और 25 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल के लिए मंजूरी देने का अधिकार सरकार के पास होगा।
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