चंडीगढ़(उत्तम हिन्दू न्यूज)- “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को बढ़ावा देते हुए तेलंगाना स्थापना दिवस पंजाब राजभवन में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया गया। यह समारोह पंजाब राजभवन और यू.टी. चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था जो भारत की एकता और विभिन्न संस्कृतियों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का उत्सव मनाने का एक मंच बना।
इस अवसर पर बोलते हुए पंजाब के राज्यपाल और यू.टी., चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारी लाल पुरोहित ने सांस्कृतिक मेज-जोल और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश की ताकत इसकी एकता में निहित है, जहां प्रत्येक राज्य हमारी संयुक्त पहचान के समृद्ध ताने-बाने में योगदान देता है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना देश का सबसे युवा राज्य है। तेलंगाना के गठन ने विकेंद्रीकरण और समावेशी शासन की दिशा में हमारे देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण को चिन्हित किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना एक ऐसा राज्य है जहां परंपराएं और रीति-रिवाज आधुनिकता के साथ सहजता से घुलमिल जाते हैं। यह क्षेत्र अपनी गंगा-जमुनी तहज़ीब संस्कृति (हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का सह-अस्तित्व) के लिए जाना जाता है।
समारोह की शुरुआत एक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुई, जिसमें मंत्रमुग्ध कर देने वाले नृत्य प्रदर्शन और मधुर संगीत के माध्यम से तेलंगाना की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया गया। तेलंगाना की संस्कृति को प्रदर्शित करते गुस्साड़ी और लंबाडी जैसे पारंपरिक लोक नृत्यों ने उपस्थित लोगों को वशीभूत करके रख दिया। पूरे राजभवन के माहौल को आनंद और उत्सव से भर देने वाले शास्त्रीय कर्नाटक संगीत की धुनों और डप्पू ड्रम की ऊर्जावान थापों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में श्री कुलतार सिंह संधवां स्पीकर पंजाब विधानसभा, श्री अरूण सूद अध्यक्ष बीजेपी, श्री सत्यपाल जैन भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और श्री धरम पाल, सलाहकार, प्रशासक यूटी, चंडीगढ़ शामिल थे।
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