अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या में 50 प्रतिशत वृद्धि
सीट दूसरे यात्री को दिए जाने पर किराए का कुछ भाग वापस करने पर विचार
नई दिल्ली (रितिन खन्ना): केंद्र सरकार ने आज पुन: निजी एयरलाइनों को आगाह किया कि यात्री किरायों को लेकर उनके भी सामाजिक दायित्व हैं और किसी भी सेक्टर पर किरायों को बढ़ाने की एक सीमा होनी चाहिए। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यहां अपने मंत्रालय की नौ वर्ष की उपलब्धियों के विवरण साझा करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि देश में विमानन क्षेत्र नियंत्रण मुक्त या विनियमित है। इसमें एयरलाइनों को किराया तय करने के अधिकार दिए गए हैं जो बाजार नियंत्रित हैं। देश में विमानन बाज़ार सीजन आधारित है। उसके हिसाब भी दरें तय की जाती हैं। यदि क्षमता कम और मांग ज्यादा होगी और इनपुट लागत कम नहीं होगी तो किराया दर ऊंची होगी। किराया तय करने की एक अल्गोरिद्म होती है। उन्होंने कहा कि सरकार का सख्त संदेश है कि निजी एयरलाइनें हवाई किरायों को नियंत्रित रखें।
सिंधिया ने कहा कि सोमवार को विमानन कंपनियों की एक बैठक बुलाई गयी थी और उनसे कहा गया था कि किराया दर को उचित स्तर पर रखा जाना चाहिए। मणिपुर में और फिर अभी ओडिशा में कुछ अप्रत्याशित घटनाएं हुईं हैं, उनमें किराया दरों का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनके अलावा दिल्ली से श्रीनगर, लेह, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु जैसे शहरों के लिए किराया दर अधिकतम रहता है। उन्होंने कहा कि बैठक के बाद असर हुआ है और इन सेक्टरों मेें किराये 14 प्रतिशत से 61 प्रतिशत तक कम हुए हैं। यह ठीक है कि नागर विमानन क्षेत्र विनियमित है लेकिन कुछ सेक्टरों पर अधिकतम किराये की सीमा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एयरलाइनों को यह संदेश साफ साफ दे दिया गया है और उन्हें कहा गया है कि एयरलाइनों को इस बारे में स्वयं ही सक्रियता से ध्यान देना होगा और उन्हें समझना होगा कि यह उनका सामाजिक दायित्व है। दिल्ली हवाईअड्डे पर आगमन गेट के समीप निजी गाडिय़ों एवं टैक्सियों के आवागमन पर रोक के कारण यात्रियों विशेष रूप से बुज़ुर्गों एवं रोगियों को होने वाली दिक्कत की ओर ध्यान दिलाये जाने पर नागर विमानन मंत्री ने कहा कि वह आज ही इस विषय को देखेंगे और इसका यात्रियों के हक में समाधान करायेंगे। यात्रियों की उस मांग की ओर ध्यान दिलाये जाने पर कि यात्रा नही कर पाने की दशा में यदि उस सीट पर कोई दूसरा यात्री जा रहा है तो किराया का कुछ भाग वापस किया जाना चाहिए, सिंधिया ने कहा कि वह इस बारे में भी एयरलाइनों के साथ विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या करीब छह करोड़ थी जो अब 130 प्रतिशत की वृद्धि के साथ साढ़े 14 करोड़ हो गई है। जबकि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या 50 प्रतिशत वृद्धि के साथ सात करोड़ हो गयी है। विमानन उद्योग में भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार बन गया है। उन्होंने कहा कि नौ वर्षों में हवाईअड्डों की संख्या 74 से बढक़र 148 हो गयी है। पूर्वोत्तर में नौ हवाईअड्डों की तुलना में अब 17 हवाईअड्डे चालू हो चुके हैं। ग्रीन फील्ड हवाईअड्डों की संख्या तीन से बढक़र 14 हो चुकी है। सिंधिया ने कहा कि देश में पायलट प्रशिक्षण केन्द्रों में वृद्धि हुई हैं और बीते साल 1165 कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस जारी किये गये। कृषि क्षेत्र में भी 93 हवाईअड्डों से किसानों को अपने उत्पाद बाहर भेजने की सुविधा मिली है।असम के नींबू, कटहल, देश के अन्य भागों से फल फूल सब्जियां यूरोप तक भेजी जा रहीं हैं। नागर विमानन मंत्री ने कहा कि एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर राज्यों द्वारा लगाये जाने वाले कर वैट की दरों को लेकर भी राज्यों को मनाना पड़ा। किसी समय 20 से 30 प्रतिशत का वैट अब तीन चार राज्यों को छोडक़र सब जगह एक से चार प्रतिशत के दायरे में आ गया है।
|