-कैबिनेट द्वारा भविष्य को बचाने के लिए नवीनतम ऊर्जा कुशल तकनीकों की दिशा में काम करने का न्योता
-नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री द्वारा वर्कशाप और स्टेट एनर्जी एफीशैंसी एक्शन प्लान के लांच समागम की अध्यक्षता
चंडीगढ़/प्रेम विज पर्यावरण पर ग्रीन हाऊस गैसों के बुरे प्रभाव को कम करने और राज्य के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने आज नवीनतम ऊर्जा कुशल तकनीकों की दिशा में काम करने का न्योता दिया।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में अब ग्रीन एनर्जी की तरफ बढऩे की चर्चा चल रही है और हाल ही में ग्लासगो में हुई अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रैंस में शामिल मुल्कों ने ग्रीन एनर्जी की दिशा में तेज़ी के साथ काम करने का प्रण लिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब पर्यावरण की संभाल की तरफ और लगन के साथ काम किया जाना चाहिए।
अमन अरोड़ा आज यहां एक होटल में हॉफ़ डे स्टेकहोल्डर वैलीडेशन वर्कशाप और स्टेट एनर्जी एफीशैंसी एक्शन प्लान लांच समागम की अध्यक्षता कर रहे थे। यह समागम स्टेट डैजीगनेटिड एजेंसी (एसडीए), पंजाब एनर्जी डिवैल्पमैंट एजेंसी (पेडा) की तरफ से ब्यूरो आफ एनर्जी एफीशैंसी (बीईई) के साथ मिलकर एसोसीएटिड चैंबरज़ आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एसोचैम) और डिज़ाईन2आकूपैंसी सर्विसिज एलएलपी (डी2ओ) के सहयोग के साथ आयोजित किया गया था।
सौर्य और पवन ऊर्जा की तरफ बढ़ते रिवायती ईंधन के प्रयोग को घटाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारत अपने आकार से तीन गुणा अधिक कार्बन गैसों का उत्पादन कर रहा है, जो हमारे भविष्य के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने बिजली और पानी के उचित प्रयोग करने की सलाह भी दी और कहा कि ऐसा न करने की सूरत में आने वाली पीढिय़ों को इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत की कि वे राज्य के लोगों को पर्यावरण की संभाल और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू करें।
उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की संभावना पर भी ध्यान दिया जो राज्य स्तर पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उद्योग, परिवहन, इमारतें और कृषि क्षेत्रों की गतिशीलता से नये मौके आ रहे हैं। उन्होंने जिक्र किया कि ऊर्जा धीरे-धीरे सप्लाई की बजाय मांग आधारित हो रही है। अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में सोलर पंपों की संख्या बढ़ाएगी। इसके इलावा पेडा द्वारा पराली के उचित और लाभकारी प्रयोग के लिए नीति भी तैयार की जा रही है।
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