चंडीगढ़ (उत्तम हिन्दू न्यूज): अंबाला के सरकारी विद्यालय में कार्य करते समय पत्नी की मौत होने की दलील देते हुए अनुकंपा आधार पर वित्तीय सहायता की मांग को लेकर पति ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली है। याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।
संजय मदान ने एडवोकेट विकास चतरथ के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी मीना मदान ने अंबाला के जेआरडी आर्य हाई स्कूल में 1996 में विज्ञान शिक्षिका के तौर पर सेवा देना आरंभ किया था। यह स्कूल सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल था। इसके बाद सरकार हरियाणा वॉलेंटरी स्टेट एजुकेशन सर्विस रूल 2017 लेकर आई। इस रूल के तहत सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के शिक्षक यदि चाहे तो सरकारी स्कूलों में आ सकते हैं। याची की पत्नी ने इसके लिए निवेदन किया था और उसे 29 जनवरी 2018 को दीनापुर के सरकारी स्कूल में नियुक्ति दे दी गई। 2 फरवरी 2018 को उसका तबादला रतनगढ़ के सरकारी स्कूल में कर दिया गया। 21 मई 2020 को याची की पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद याची ने अनुकंपा आधार पर आर्थिक सहायता के लिए हरियाणा सरकार को आवेदन किया।
हरियाणा सरकार ने यह कहते हुए इस लाभ से इनकार कर दिया कि याची की पत्नी की नियुक्ति मूल रूप से सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल की है और उस पर सरकारी कर्मचारी के लिए बनाए नियम लागू नहीं होते। याची ने कहा कि जब 2017 के नियम के तहत याची की पत्नी सरकारी स्कूल में नियुक्ति ले चुकी थी तो वह हरियाणा सरकार की कर्मचारी थी और याची अनुकंपा आधार पर मिलने वाले लाभ का पात्र है। याची पक्ष की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।
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