अमृतसर/दीपक मेहरा : विश्व भर में भिन्न भिन्न प्रकार के लोग निवास करते है और भिन्न भिन्न प्रदेश में निवास करने के कारण उन की भाषा भी भिन्न भिन्न पाई जाती है। अध्यात्म के केंद्र प्राचीन मंदिर श्री जय कृष्णियाँ में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में ज्ञान मंथन सत्र का आयोजन किया गया जिस में गुरु दर्शनाचार्य सागर मुनि शास्त्री जी ने विद्यार्थियों को बताया की भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। इस ज्ञान सत्र में क़ीमती लाल गुलाटी,सरोज सेनी,कमलेश सैनी,ऋद्धि राजपूत,अंकुल पाल,तुषार मुनि,रानी बाई आदि विद्यार्थी उपस्थित थे।
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