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हरिपुरधार घाटी के बड़यालटा में उड़ेंगे मानव परिंदे, खजियार से पहुंचे पायलट

शिमला (उत्तम हिन्दू न्यूज): हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद की हरिपुरधार घाटी के बड़यालटा में बुधवार से पैराग्लाइडिंग शुरू हो रही है। भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त वॉइस वायु सेना मेडल और शौर्य चक्र विजेता एयर मार्शल केके संघर बुधवार को बड़यालटा टेक ऑफ साइट से हरी झंडी दिखाकर पैराग्लाइडिंग की फ्लाइट को रवाना करेंगे। खास मेहमान के तौर पर उनकी पत्नी प्रोमिला सांगर भी उपस्थित होंगी।
मानव हिल रिजॉर्ट बड़यालटा के प्रबंध निदेशक मेलाराम शर्मा ने बताया कि साइट को गत वर्ष मई में हिमाचल सरकार द्वारा अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक की अध्यक्षता में गठित एयरोस्पोर्ट्स समिति ने अनुमोदित किया है। उन्होंने कहा एक वर्ष की जद्दोजहद के पश्चात अब हरिपुरधार के निकट बडयाल्टा में कमर्शियल पैराग्लाइडिंग शुरू की जा रही है।

इसके लिए अनुभवी पैरा पायलट संजय कुमार और रवि कुमार को चंबा के खजियार से बुलाया गया है। ये पायलट इस ग्रीष्मकालीन सीजन में रोजाना सैलानियों को परिंदों की भांति आसमान की सैर कराएंगे। खास बात ये भी है कि उड़ान के दौरान चूडधार चोटी का विहंगम नजारा देखा जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हिमाचल प्रदेश की पैराग्लाइडिंग साइट बीड़ बिलिंग की तरह बड़यालटा की यह साइट पैराग्लाइडिंग के लिए उपयोगी है। शर्मा ने कहा कि पैराग्लाइडर उड़ान भरकर 14 किलोमीटर दूर तलहटी में लजवा गांव में लैंडिंग करेंगे। मेला राम शर्मा ने बताया कि यदि सब कुछ ठीक चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हरिपुरधार के निकट बड़यालटा की यह पैराग्लाइडिंग साइट भी अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर उभर कर सामने आएगी।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को पायलट्स ने उड़ान भरी, जिसमे रोमांच का अनुभव करते हुए लजवा गांव में लैंडिंग की। उन्होंने कहा की परिंदों की भांति आसमान में उड़ना अब यहां आने वाले सैलानियों के लिए सपना नहीं रहेगा, अपितु वह वास्तव में आसमान की सैर कर पाएंगे।

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