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पहलवानों के समर्थन में

भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण को कथित यौन उत्पीडऩ के आरोपों में गिरफ्तार करने की मांग कर रहे पहलवान दिनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया व उनके साथियों के समर्थन में 1983 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों ने संयुक्त बयान में कहा है, ‘हम चैंपियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं। हमें इसकी काफी चिंता है कि वे मेहनत से जीते गए पदकों को गंगा में बहाने की सोच रहे हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘इन पदकों के पीछे बरसों के प्रयास, बलिदान, समर्पण और मेहनत शामिल है। वे उनका ही नहीं बल्कि देश का गौरव हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आनन फानन में फैसला नहीं लें और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी और उनका हल निकाला जाएगा। कानून को अपना काम करने दीजिए।’ कपिल ने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत तौर पर कुछ नहीं कहूंगा। 1983 की पूरी टीम का समर्थन उस बयान को है जो हमने जारी किया है।’ इससे पहले अनिल कुंबले, राबिन उथप्पा और इरफान पठान जैसे पूर्व क्रिकेटरों ने भी पहलवानों का समर्थन किया था।

पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के कुरूक्षेत्र में हुई खाप महापंचायत की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख की गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांग पर कार्रवाई करने के लिए सरकार को नौ जून तक का समय दे रहे हैं। टिकैत ने दावा किया कि मांग पूरी नहीं होने की सूरत में देशभर में महापंचायतें कर आंदोलन को तेज किया जाएगा। किसान नेता ने कहा कि मांग पूरी नहीं होगी तो पहलवान फिर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने लौटेंगे। गौरतलब है कि विभिन्न खापों और किसान संगठनों के प्रतिनिधि शुक्रवार को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्थानों से ‘जाट धर्मशाला’ में पहुंचे थे।
6 महिला पहलवानों द्वारा लगाये आरोप काफी गम्भीर हैं

रेसलर 1 : मैं रेस्त्रां में थी। बृजभूषण वहीं थे। उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया। पहुंचते ही अचानक मुझे गलत तरीके से छुआ। फिर अपना हाथ शरीर में कई जगह रखा। ऐसा 3-4 बार किया। वह अपने पैरों से मेरे पैरों को छू रहे थे। मैंने विरोध किया तो कहने लगे कि मैं तुम्हारी सांस चेक कर रहा हूं। इसके बाद उन्होंने मुझे दोबारा छूना शुरू कर दिया। वे लगातार शारीरिक संबंध का दबाव बनाते रहे।

रेसलर 2 : प्रैक्टिस के दौरान मैं मैट पर थी। बृजभूषण आए। मेरी टी-शर्ट खींची। फिर मुझे छूना शुरू कर दिया। अलग-अलग जगह छुआ। उसके बाद मैं किसी काम से फेडरेशन के कार्यालय गई। मेरे भाई भी साथ थे। बृजभूषण ने कमरे में बुलाया। साथ ही कहा कि भाइयों को बाहर रहने को कहो। जैसे ही मैं अंदर गई, बृजभूषण ने दरवाजा बंद कर दिया। फिर मुझे अपनी तरफ खींचा। मैं विरोध करती रही।

रेसलर 3 : मेरे पास फोन नहीं था। बृजभूषण ने अपने फोन से माता-पिता से बात कराई। बृजभूषण अपने बेड पर थे। फोन कॉल खत्म होने के बाद उन्होंने मुझे पास बुलाया और अचानक गले लगा दिया। मैं कुछ समझ नहीं पाई। मैंने विरोध किया। शारीरिक संबंध बनाने के लिए करियर में मदद का प्रलोभन दिया।

रेसलर 4 : बृजभूषण छेड़छाड़ का मौका देखते रहते थे। खौफ इतना था कि हम होटल के कमरे से अकेले नहीं निकलती थीं। ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर के लिए ग्रुप में जाती थीं। एक बार बृजभूषण ने मुझे बुलाया। अचानक मुझे गलत जगह हाथ लगाया। मैंने उनका हाथ झटका और भाग गई।

रेसलर 5 : हम फोटो खिंचवाने के लिए लाइन में खड़े थे। मैं आखिरी लाइन में थी। बृजभूषण मेरे पास आकर खड़े हो गए। फिर मेरे शरीर को पीछे से ऊपर से नीचे तक छूना शुरू कर दिया। मैं दंग रह गई। मैंने थोड़ा दूर हटने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ लिया।

रेसलर 6 : बृजभूषण ने तस्वीर खींचने के बहाने मेरे कंधे पर हाथ रखा। फिर करीब आने की कोशिश की। उन्होंने बार-बार मुझे पकडऩे की कोशिश की। बचने के लिए मैं थोड़ी दूर चली गई। फिर मुझे धमकी दी। कहा-‘ज्यादा स्मार्ट बन रही हो क्या, आगे कोई प्रतियोगिता नहीं खेलनी है क्या तुझे?’

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि हर कोई चाहता है कि पहलवानों को इंसाफ मिले, लेकिन यह कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सम्भव है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘सरकार भी निष्पक्ष जांच चाहती है। हम सभी चाहते हैं कि न्याय मिले लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना होगा।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है जो भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के आरोपों पर सरकार द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया था। यह पूछने पर कि आरोपी भाजपा सांसद होने की वजह से क्या कार्रवाई में विलंब हो रहा है, उन्होंने कहा, ‘पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं है। हम सभी जांच जल्दी पूरी होने के पक्ष में हैं।’

पहलवानों को न्याय मिले यह मांग हर खेल प्रेमियों के अलावा कानून में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति की भी है लेकिन कानूनी प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर भी हर कोई परेशान है। देरी से मिला न्याय का महत्व भी कम हो जाता है। सरकार द्वारा अपनाई धीरे चलो वाली नीति के परिणामस्वरूप भाजपा व मोदी सरकार दोनों कटघरे में खड़े दिखाई दे रहे हैं, भाजपा व सरकार दोनों की रीति-नीति पर भी उंगली उठ रही है। पहलवानों द्वारा लगाये आरोप को देखते हुए सरकार को न्याय प्रक्रिया को तेज कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। पहलवानों को न्याय मिलने में जितनी देर होगी उतनी अधिक सरकार की छवि व साख कमजोर होगी। उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखकर न्याय प्रक्रिया तेज कर पहलवानों को जल्द न्याय मिले यह बात सरकार को सुनिश्चित करनी चाहिए। 

झुकते नवजोत सिद्धू

– इरविन खन्ना (मुख्य संपादक, दैनिक उत्तम हिन्दू)

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