नई दिल्ली(उत्तम हिन्दू न्यूज)- भारत जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संघटन (ISRO) की हर कामयाबी का जश्न मना रहा है तब इसरो से एक दुखद खबर सामने आई है। देश की वैज्ञानिक वलारमथी का कार्डिएक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया है। इसरो के जितने भी लॉन्च होते थे, उनके काउंटडाउन के दौरान जो आवाज़ सुनाई देती थी वो वलारमथी की ही थी। लेकिन अब ये आवाज़ फिर नहीं सुनाई देगी।
वैज्ञानिक वलारमथी का अंतिम मिशन चंद्रयान-3 ही था, जो 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ था। और उस दौरान ISRO से आपको जो आवाज़ सुनाई दी थी, वो वलारमथी की थी। तमिलनाडु के अलियायुर से आने वालीं वलारमथी ने चेन्नई में अंतिम सांस ली।
इसरो के पूर्व डायरेक्टर पीवी वेंकटकृष्णन ने ट्वीट कर वलारमथी के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि श्रीहरिकोटा में इसरो के आने वाले मिशनों के दौरान अब काउंटडाउन में वलारमथी मैडम की आवाज़ नहीं आएगा। चंद्रयान-3 उनका फाइनल अनाउसमेंट था। ये काफी दुख का क्षण है। प्रणाम।
सोशल मीडिया पर साइंटिस्ट वलारमथी को देशवासी याद कर रहे हैं और इसरो के लिए उनके योगदान को सलाम कर रहे हैं। हर कोई उनकी आवाज़ की तारीफ कर रहा है और किस तरह एक कनेक्शन हर किसी के साथ बन गया था उसके बारे में लिख रहा है।
बता दें कि पिछले कुछ वक्त से इसरो लगातार चर्चा में बना हुआ है। पहले चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग और उसके बाद सफल लैंडिंग ने इतिहास रचा। अब आदित्य एल-1 को लॉन्च किया गया है, जो सूर्य का अध्ययन करेगा। इसरो का चंद्रयान-3 पूरा भी हो गया है, चांद के दक्षिणी हिस्से पर भेजे गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में डाल दिया गया है और अब इंतजार है 22 सितंबर का। इसी दिन चांद के इस हिस्से पर फिर से दिन होगा, तब उम्मीद होगी कि विक्रम-प्रज्ञान दोबारा काम कर पाएं।
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