वाशिंगटन (उत्तम हिन्दू न्यूज): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्ण सत्र में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए विकासशील देशों को कम लागत वाली प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और वित्त पोषण में वृद्धि के लिए भारत के आह्वान को दोहराया है। इसके साथ ही उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग का मुकाबला करने के लिए भी भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
सीतारमण ने गुरुवार को ‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बहुपक्षीय दृष्टिकोण के महत्व और विकसित देशों से विकासशील देशों में जलवायु वित्त और कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण के महत्व’ दोनों पर जोर दिया।
भारत लंबे समय से इस बात पर जोर देता रहा है कि विकासशील देशों को तत्काल जलवायु वित्त और कम लागत वाली प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की आवश्यकता है ताकि वे ग्लोबल वार्मिग से निपटने के लिए अपना काम कर सकें। साथ ही विकसित देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए बड़ी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इसको लेकर अधिक कार्य करना चाहिए।
वित्त मंत्री विश्व बैंक समूह की स्प्रिंग मीटिंग में भाग ले रही हैं। इसमें आईएमएफ भी शामिल है। मंत्री ने पूर्ण सत्र में यह भी कहा कि आईएमएफ द्वारा 2022-23 के लिए 8.2 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर पर, भारत अभी भी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रहा है।
वित्त मंत्री के अनुसार, “भारत ने उत्पादकता और रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमुख संरचनात्मक सुधारों को लागू करना जारी रखा है।”
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर वैश्विक निगरानी रखने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के 37 सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों की एक बैठक में अलग से, मंत्री ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और प्रसार से लड़ने के लिए भारत की राजनीतिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की। साथ ही लाभकारी स्वामित्व पारदर्शिता पर एफएटीएफ के काम और वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा में एफएटीएफ वैश्विक नेटवर्क की भूमिका की सराहना की।
सीतारमण ने एफएटीएफ की ‘रणनीतिक प्राथमिकताओं’ के लिए भारत के समर्थन को भी जताया और धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ एक वैश्विक गठबंधन के रूप में अपने प्रयास में आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
मंत्री ने बैठक से इतर दुनिया भर के समकक्षों और कॉर्पोरेट नेताओं के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठकें जारी रखीं। उन्होंने गुरुवार को फेडएक्स के अध्यक्ष और आगामी सीईओ राज सुब्रमण्यम से मुलाकात की।
वित्त मंत्रालय के एक ट्वीट के अनुसार, सुब्रमण्यम ने मंत्री से कहा, “मैं भारत को लेकर सकारात्मक हूं। यहां स्किलिंग सहित महत्वपूर्ण विस्तार योजनाएं हैं।”
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