नादौन/उत्तम हिन्दू न्यूज : हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन इकाई नादौन की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे। खरवाड़ा ने आउटसोर्स कर्मचारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई स्थायी नीति न बन पाने की बजह से कुछ सर्विस प्रदाताओं द्वारा कई विद्युत मण्डलों में आउटसोर्स कर्मचारियों का डट कर शोषण किया जा रहा है। वेतन भी हर महीने की बजाय दो-तीन महीने तक तक भी नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि निर्धारित नियमों के मुताबिक ईपीएफ, इएसआई फंड, आउटसोर्स कर्मचारियों के खाते में जमा न करवा कर करोड़ों रुपयों के गड़वड़ झाले किए जा रहे हैं। ऐसी कई शिकायतें प्रदेश के कई हिस्सों से आ रही हैं और ऐसे कई मामले पूर्व में बोर्ड प्रबंधन के ध्यान में भी लाए गए हैं। खरवाड़ा ने कहा कि पिछले पांच सालों में लगभग 18 आउटसोर्स कर्मचारी दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं जिनमें से लगभग 8 कर्मचारियों की मौत हुई है और लगभग 10 कर्मचारी शारीरिक तौर पर अपाहिज हुए हैं। विभिन्न दुर्घटनाओं के चलते बेसहारा हुए परिवारों को जीवनयापन के लिए कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं की गई है जिसकी बजह से इन परिवारों को अपना जीवनयापन करना दुर्लभ हो गया है।
सीएम से करंट लगने से मारे गए आउटसोर्स कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने का आग्रह
खरवाड़ा ने कहा कि पिछले कल ही विद्युत मंडल गोहर के अन्तर्गत एलटी लाईन पर काम करते वक्त 25 साल का युवक बलवंत कुमार आउटसोर्स कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई है और उसकी मौत के बाद उसके परिवार में शारीरिक तौर पर विकलांग मां बची है जबकि बलवंत कुमार के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। ऐसे में इस विकलांग मां का कोई सहारा बाकी नहीं रह गया है। कुलदीप खरवाड़ा ने हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमन्त्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खु और बिजली बोर्ड के प्रबन्धक वर्ग से ऐसे बेसहारा परिवारों के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए।
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