इस्लामाबाद(उत्तम हिन्दू न्यूज)- पाकिस्तान में एक बार फिर सियासत गरमाई हुई है और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान देश में नए सिरे से चुनाव की मांग करते हुए अपने समर्थकों के साथ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों के साथ पार्टी प्रमुख इमरान गुरुवार तड़के अपनी मांग को पूरा कराने के लिए जब इस्लामाबाद पहुंचने लगे, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और उनके साथ झड़प हो गई।
देश में तनाव तब बढ़ गया और यह प्रदर्शन झड़प के बदल गई जब इमरान खान के अपने समर्थकों को शहबाज शरीफ सरकार द्वारा नए चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं करने तक जगह खाली नहीं करने की सलाह दी गई, इसके बाद पीटीआई कार्यकर्ता संघीय राजधानी में डी-चौक की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की जिसमें पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. इस बीच रेड जोन में सेना तैनात कर दी गई है।
इमरान का लोगों से घर से बाहर निकलने का आह्नान
पाकिस्तान के पूर्व पीएम, जिन्हें पिछले महीने अविश्वास मत से सत्ता से हटा दिया गया था, ने “सभी पाकिस्तानियों” को अपने-अपने शहरों में सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है और महिलाओं और बच्चों से “असली आजादी” के लिए अपने घरों से बाहर आने की अपील की है।
सीनेटर एओन अब्बास बुप्पी ने कहा कि डी-चौक पर सुबह के 2.30 बजे हैं और फायरिंग जारी है। भगवान जाने इमरान खान के आने से पहले वे और कितने राउंड गोलाबारी करेंगे. इस्लामाबाद में पार्टी के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प को लेकर पीटीआई ने ट्वीट कर कहा, “पाकिस्तान के लोगों द्वारा अपनी जान बचाने का जबर्दस्त प्रयास !! माशाअल्लाह, वे क्या शानदार पारी खेल रहे हैं, अल्लाह आप लोगों को सलामत रखें।”
सुप्रीम कोर्ट का रैली की अनुमति देने का निर्देश
इस बीच सैकड़ों समर्थकों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का काफिला सरकार द्वारा उन्हें रोकने के लिए लगाए गए अवरोधकों को हटाते हुए बुधवार को आगे बढ़ा। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को इस्लामाबाद में प्रदर्शन रैली की अनुमति देने का निर्देश दिया और गिरफ्तारी से खान को संरक्षण प्रदान किया।
जस्टिस इजाजुल अहसन, जस्टिस मुनीब अख्तर और जस्टिस सैय्यद मजहर अली अकबर नकवी की पीठ ने इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की रैली के लिए राजधानी के जी-9 और एच-9 सेक्टर के बीच की जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. इस्लामाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब शाहीन की याचिका पर अदालत ने यह निर्देश जारी किया।
अदालत ने अधिकारियों को “अनावश्यक बल प्रयोग” नहीं करने और पीटीआई के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और उनके घरों और कार्यालयों पर छापेमारी नहीं करने का भी निर्देश दिया। इस बीच, इमरान खान ने कल शाम को कहा कि उनका काफिला पंजाब में प्रवेश कर चुका है और इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार को हटाने और तत्काल चुनाव की मांग के लिए एक बड़े कारवां के साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से अपना मार्च शुरू किया। ट्रक पर सवार होकर मार्च का नेतृत्व कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने ट्वीट कर कहा, “इस आयातित सरकार द्वारा कोई भी प्रायोजित उत्पीड़न और फासीवाद हमारे मार्च को रोक नहीं सकता है।”
इमरान के काफिले को रोकने के लिए लगाए जा रहे अवरोधक
इमरान खान अपने समर्थकों के साथ शाम करीब छह बजे पंजाब में दाखिल हुए। इससे पहले काफिले को रोकने के लिए अटक पुल पर सरकार द्वारा लगाए गए अवरोधकों को उनके समर्थकों ने हटा दिया। इमरान ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि प्रदर्शन मार्च को लेकर सरकार के साथ उनका समझौता हो गया है। उन्होंने कहा कि वह इस्लामाबाद में प्रदर्शन मार्च और धरने के अपने कार्यक्रम पर आगे बढ़ेंगे जब तक कि पाकिस्तानी प्राधिकार नये सिरे से चुनाव की घोषणा नहीं कर देता।
इससे पहले दुनिया न्यूज चैनल ने एक खबर में बताया था कि सेना के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान सरकार ने इमरान की पार्टी के आजादी मार्च को इस्लामाबाद में आयोजित करने की अनुमति दे दी है। सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने भी इमरान की पार्टी के साथ किसी भी समझौते के बारे में खबर को खारिज कर दिया।
मरियम नवाज ने ट्वीट किया, “सही तथ्य ये है- मार्च को विफल होते देख वे दो दिनों से बच निकलने की तलाश में थे। आज, जब लॉन्ग मार्च बुरी तरह से विफल हो गया, तो उन्होंने धरना देने के बजाय एक रैली का प्रस्ताव रखा।” उन्होंने आगे कहा, “सरकार ने इमरान खान के किसी भी प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है।”
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