-आगामी ‘फ़रिश्ते स्कीम’ के हिस्से के तौर पर सडक़ हादसे के पीडि़त को अस्पताल लेकर जाने वाले व्यक्ति का सम्मान पत्र और 2000 रुपए से किया जाएगा सम्मान : डॉ. बलबीर सिंह
-स्वास्थ्य मंत्री ने लीड एजेंसी आन रोड सेफ्टी द्वारा सडक़ सुरक्षा पर करवाए दो दिवसीय वर्कशाप और ट्रेनिंग का किया उद्घाटन
चंडीगढ़/नरेंद्र जग्गा सडक़ हादसों के पीडि़तों की कीमती जानें बचाने के मद्देनजऱ ‘गोल्डन आवर’ के सुयोग्य प्रयोग करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने ‘फ़रिश्ते स्कीम’ के हिस्से के तौर पर हादसे के पहले 48 घंटों के दौरान सभी सडक़ हादसों पीडि़तों का मुफ़्त इलाज करने का फैसला किया है। ‘गोल्डन आवर’ सडक़ दुर्घटना के बाद पहला महत्वपूर्ण घंटा होता है, जिस दौरान यदि किसी गंभीर रूप में ज़ख्मी व्यक्ति को अपेक्षित देखभाल दी जाए तो उसके बचने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
यह जानकारी देते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज कहा, ‘चाहे व्यक्ति कहीं का भी रहने वाला हो, पंजाब सरकार द्वारा सडक़ दुर्घटना के सभी पीडि़तों के साथ एक ही समान व्यवहार किया जाएगा और हादसे के पहले 48 घंटों के दौरान निजी अस्पतालों सहित पास के अस्पतालों में मुफ्त इलाज को यकीनी बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि पहले 48 घंटों में करवाए इलाज का सारा खर्चा सरकार द्वारा अदा किया जाएगा।
डॉ. बलबीर सिंह यहां मगसीपा में लीड एजेंसी आन रोड सेफ्टी द्वारा करवाए गए सडक़ सुरक्षा के बारे दो दिवसीय वर्कशाप और ट्रेनिंग के उद्घाटनी सैशन को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ लीड एजेंसी आन रोड सेफ्टी के डायरैक्टर जनरल आर. वेंकट. रत्नम्, एडीजीपी ट्रैफिक़ अमरदीप सिंह राय और स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिशनर मोनीश कुमार भी मौजूद थे।
आगामी प्रमुख ‘फरिश्ते स्कीम’, जोकि अंतिम पड़ाव पर है, के बारे और जानकारी देते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सडक़ हादसे के पीडि़त को इलाज के लिए अस्पताल लेजाने वाले व्यक्ति को सम्मान पत्र और 2000 रुपए से सम्मानित किया जाएगा। सडक़ दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल लेकर आने वाले व्यक्ति से अस्पताल अधिकारी या पुलिस की तरफ से, तब तक कोई पूछताछ नहीं की जाएगी जब तक वह खुद अपनी मर्जी से चश्मदीद गवाह नहीं बनना चाहता।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से एक सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत सरकारी और प्राईवेट सहित सभी एंबूलैंसों को ओला/उबर की तरह आपस में जोड़ा जाएगा जिससे एमरजैंसी के समय लोग 15 मिनट या इससे भी कम समय में एंबुलेंस की सेवाएं ले सकें। उन्होंने आगे कहा कि हम राज मार्गों पर स्थित सरकारी अस्पतालों की भी शिनाख्त कर रहे हैं जिससे मज़बूत क्रिटीकल केयर यूनिटों की स्थापना करके लोग सरकारी स्वास्थ्य सहूलतों पर विश्व स्तरीय इलाज सहूलियतों का लाभ ले सकें।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को ‘एंबुलेंस को रास्ता देने’ और अपने वाहनों में हमेशा ‘फस्ट ऐड किट’ रखने की भी अपील की क्योंकि यह छोटी सी पहल किसी की जान बचा सकती है।
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