-नई तकनीक एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पादों से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था संभव : कैलाश चौधरी
– विभिन्न व्यवसायियों व विशेषज्ञों ने भी रखी अपनी राय
नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): कृषि में प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) के महत्व को रेखांकित करते हुए, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यदि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करना है, तो कृषि क्षेत्र में कृत्रिम मेधा (एआई), सटीक खेती (प्रिसिजन फार्मिंग) और कृषि-ड्रोन आदि जैसी नई तकनीकों को बड़े पैमाने पर अपनाना होगा। इसी तरह हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के निकट भविष्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खेती में ड्रोन, कृत्रिम मेधा (एआई), सटीक खेती, ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीकों का लाभ उठाने की आवश्यकता है। वह भारत की प्रमुख कृषि-रसायन कंपनी धानुका समूह द्वारा यहां नई दिल्ली में आयोजित कृषि में भविष्य की नई तकनीक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक परिदृश्य परिवर्तक पर एक दिवसीय सेमिनार में बोल रहे थे।
देश दुनिया के लिए भोजन प्रदाता बनने की दिशा में भारत की अच्छी प्रगति को रेखांकित करते हुए धानुका समूह के चेयरमैन आरजी अग्रवाल ने कहा, भारत सरकार की नई प्रौद्योगिकियों और ड्रोन दिशानिर्देशों की मंजूरी जैसी कृषि क्षेत्र के लिए तेजी से अनुमोदन की दिशा में नीतियां 2047 तक भारत के दुनिया के लिए अन्न उत्पादक बनने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
संगोष्ठी के लिए भेजे गए अपने संदेश में भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने कहा, भारतीय कृषि विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकियों को अपनाने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार दे रही है। स्पष्ट रूप से गतिशील कृषि वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, किसानों के प्रतिनिधियों और उद्योग जगत के दिग्गजों की उपस्थिति में यह चर्चा एक सदाबहार क्रांति के माध्यम से कृषि के भविष्य में क्रांति लाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि हमें इस बात पर विचार करने की आवश्यकता है कि जैसे कृषि में प्रौद्योगिकी सीधे किसानों को सशक्त बना सकती है, और उनके जीवन को बेहतर बना उन्हें सम्मानित जीवन प्रदान कर सकती है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ दीपक पेंटल ने जीएम फसलों की मजबूत वकालत करते हुए कहा, अमेरिका ने बहुत पहले जीएम फसलों को पेश करके कृषि उत्पादन में 35 प्रतिशत की वृद्धि की है! डॉ. पेंटल ने कृषि-रसायनों के उपयोग का समर्थन करते हुए कहा कि यदि हम चाहते हैं कि फसलों को कम नुकसान हो, तो उच्च गुणवत्ता वाले कृषि-रसायन आवश्यक हैं। डॉ. आर.एस. परोदा, टीएएएस के संस्थापक अध्यक्ष ने भी सेमिनार को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि हमें ऐसे पौष्टिक भोजन की आवश्यकता है जो मनुष्यों को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करे। बेहतर मानव स्वास्थ्य के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य पशु स्वास्थ्य और पौधों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एम. के. धानुका ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत के दौरान कहा कि यहां वैज्ञानिकों, नेताओं और अन्य लोगों को सुनकर वे आश्वस्त हैं और प्रार्थना करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का 2047 तक भारत के नंबर 1 अर्थव्यवस्था होने का सपना निश्चित रूप से साकार होगा।
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