– अनाज मंडी में शेड न होने पर खुले में पड़ा गेंहू और सरसों, व्यवस्था न होने पर सरकार को कोसा
– खरीद के इंतजार में लाखों टन गेहूं मंडियों में खुले में पड़ा: डॉ. सुशील गुप्ता
– एजेंसियों से तालमेल बढ़ाकर गेहूं की सरकारी खरीद करवाए खट्टर सरकार : डॉ. सुशील गुप्ता
हिसार (उत्तम हिन्दू न्यूज): आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने रविवार को सिवानी मंडी का दौरा कर गेहूं खरीद का जायजा लिया। उन्होंने मंडी में खुले में पड़े गेहूं और सरसों की फसल को देख कर नाराजगी जताई और खट्टर सरकार को कोसा। उन्होंने कहा कि किसान दिन-रात मेहनत करके फसल तैयार करते हैं और व्यवस्था के अभाव में और खरीद न होने से खुले में फसल खराब हो जाती है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार केंद्रीय एजेंसी एफसीआई से मिलकर किसानों को धोखा देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा गेहूं खरीद करने से किसानों को फसल का उचित भाव मिल जाता है, लेकिन सरकार ने सरकारी एजेंसियों से बातचीत कर करके सरकारी खरीद को कम करने का काम किया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष एफसीआई ने 85 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, जोकि सरकार ने बातचीत कर 75 मीट्रिक लाख टन करवा दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा अनुमान है कि 65 लाख मीट्रिक टन गेहूं की भी खरीद नहीं होगी। वहीं अभी तक केवल 59 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा से गेहूं की कुल पैदावार का अनुमान 85 लाख मीट्रिक टन का है। इस हिसाब से करीब 25 लाख मीट्रिक टन फसल मंडियों में खरीद के बिना ही रहेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से फसल को नुकसान हुआ था, उसके हिसाब से सरकार को किसानों को राहत देने के लिए सरकारी एजेंसियों से बातचीत कर खरीद को बढ़वाना चाहिए। वरना इसका नुकसान किसानों को ही उठाना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि मंडी में किसानों से बातचीत में पता चला कि सरसों के झार के नाम पर पैसे काटे जा रहे हैं। वहीं सरसों की फसल को प्राइवेट एजेंसी कम दामों में खरीद कर किसानों को नुकसान पहुंचा रही है। इससे उनको अपनी सरसों की फसल बेचने में घाटा उठाना पड़ रहा है।
इस मौके पर मुख्य रूप से दलजीत तालू, कृष्ण मोहिल्ला, जयवीर फण्डन, रमेश कोठारी, मंजीत सिंघानिया और प्रदीप सिंह भी मौजूद रहे।
|