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सैन्य वाहन पर आतंकी हमला

गत वीरवार जम्मू-पुंछ हाईवे पर संगयोट क्षेत्र में एक सैन्य वाहन पर घात लगाकर आतंकियों द्वारा किए हमले में शहीद हुए पांच जवानों में से चार पंजाब के हैं और एक ओडिशा का है। आतंकियों ने वाहन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और फिर ग्रेनेड फेंके। परिणामस्वरूप वाहन को आग लग गई और पांच जवान शहीद हो गए, छठा गंभीर रूप से घायल है। पुंछ के संगयोट में जिस जगह यह धमाका हुआ, इससे मात्र दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर भाटाधुलियां जंगल है। यह वही जंगल है, जहां कई बार आतंकियों व सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है। इस जंगल में कई बार आतंकियों के छिपे होने की सूचनाएं मिली हैं। सेना ने इसे कई बार खंगाला भी, पर कभी आतंकियों का सुराग नहीं मिला। आतंकरोधी अभियानों के लिए तैनात सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों का वाहन दोपहर करीब तीन बजे बीजी से पुंछ की तरफ जा रहा था, जब यह हमला हुआ। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने सैन्य वाहन पर राकेट लांचर भी दागा था। आतंकियों ने सेना के जिस वाहन पर हमला किया, उसमें सवार जवान इफ्तार पार्टी के लिए सामान लेकर अपनी कंपनी में लौट रहे थे।

सूत्रों अनुसार पुंछ में सैन्य वाहन पर अचानक आतंकी हमला नहीं हुआ था। बल्कि योजनाबद्ध तरीके से इसे अंजाम दिया गया था। इसके लिए जम्मू-कश्मीर पुंछ हाईवे पर संगयोट में एक सुुनसान जगह को चुना और वाहन को तीन तरफ से घेरकर निशाना बनाया गया। आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी के साथ ग्रेनेड दागे और आरपीजी से वाहन के डीजल के टैंक को निशाना बनाया। साथ ही वाहन के भीतर ज्वलनशील पदार्थ फेंका, जिससे आग लग गई और जवान झुलस गए। इसके साथ आतंकियों ने वाहन में स्टिकी बम लगा दिया, जिससे धमाका हुआ और जवानों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। हाईवे पर हमेशा वाहन की आवाजाही रहती है, इसलिए आतंकियों ने तेजी से वारदात को अंजाम दिया। माना जा रहा है कि इस पूरे हमले को छह से सात आतंकियों के दल ने मिलकर अंजाम दिया। जांच एजेंसियों को चीन में बनी स्टील बुलेट के खोल के साथ ग्रेनेड की पिन भी लगी मिली है। ऐसे हमले उत्तर पूर्वी के राज्यों में माओवादी करते रहे हैं। वीरवार को हुए हमले में घायल चालक का सैन्य अस्पताल में उपचार जारी है। चालक से पूछताछ के आधार पर हमले के संबंध में और जानकारी मिल सकती है। हालात देखकर कहा जा सकता है कि हमले की रणनीति बनाते समय खराब मौसम, सुनसान जगह को विशेष रूप से ध्यान में रखा था।

सैन्य वाहन पर हमले की जिम्मेवारी आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फारिस्ट फ्रंट ने ली है। यह संगठन कुछ वर्ष पहले ही जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हुआ है और कश्मीर में जी-20 की होने वाली बैठक को निशाना बनाने की धमकी दी है। उपरोक्त घटना से एक बात तो स्पष्ट है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी अभी भी जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं और मौका मिलते ही हिंसक घटना को अंजाम दे देते हैं। पंजाब सरकार द्वारा शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है। पंजाब सरकार का यह कदम समयानुसार व राहत देने वाला है।
भारत पर दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान और चीन सीमाओं पर और सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं जिस कारण तनाव बना रहता है। पिछले दो-तीन वर्षों से चीन ने कुछ अधिक ही आक्रामक रुख अपना रखा है। चीन और पाकिस्तान की नापाक नीति और नीयत को देखते हुए भारत को अपनी सीमाओं और सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां अति सतर्क होने की आवश्यकता है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन और पाकिस्तान द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को भी पूरे जोर-शोर से उठाकर इन दोनों देशों को बेनकाब करना भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए। 

झुकते नवजोत सिद्धू

– इरविन खन्ना (मुख्य संपादक, दैनिक उत्तम हिन्दू)

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