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गुणवत्तापूर्वक दवाइयों का निर्माण उद्देश्य, नकली दवाईयों पर कसा जाएगा शिकंजा

SCHOOL OF EMINEC PUNJAB

बद्दी में दवा निर्माताओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर सैमीनार –
ड्रग्स कंट्रोलर आफ इंडिया डा. राजीव रघुवंशी ने की मुख्य वक्ता के तौर पर शिरकत –
बद्दी/रणेश राणा : हिमाचल प्रदेश ड्रग्स मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन ने आईपीसी से मिलकर बद्दी में हिमाचल प्रदेश के दवा निर्माताओं के लिए दवाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर एक सैमीनार का आयोजन किया। इसमें दौ सौ से ज्यादा दवा निर्माताओं ने भाग लिया। सैमीनार में मुख्य वक्ता के तौर पर भारत सरकार के औषधि नियंत्रक डा. राजीव रघुवंशी ने शिरकत की और उद्यमियों को दवा जगत में आ रहे नए नियम व कानूनों की विस्तार से जानकारी दी। रघुवंशी ने बताया कि इस सैमीनार का मुख्य उद्देश्य था कि पूरे भारत सहित हिमाचल में गुणवत्तापूर्वक दवाईयों का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि आज के सैमीनार में हमने बताया कि क्वालिटी का क्या महत्व है तथा इसे किस प्रकार बनाकर रखा जा सकता है। शैडयूम एम को लागू करने पर पर भी चर्चा हुई। रघुवंशी ने कहा कि फार्मा उद्यमियों को नियमों कानूनों व उच्च किस्म की दवाईयों से निर्माण से संबधी प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया।
पूरे भारत में नियम हो एक समान
राज्य ड्रग कंट्रोलर हिमाचल प्रदेश सरकार नवनीत मरवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार को जो भी पॉलिसी बनानी चाहिए वो पूरे भारत में लागू होनी चाहिए न कि सिर्फ हिमाचल में। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हर साल 50 हजार करोड़ दवा का कारोबार होता है जिसमें उच्च किस्म की दवाईयां तो बनती है, वहीं विदेश में भी निर्यात होती है। अगर चंद सैंपल फेल होते हैं तो उस पर ज्यादा चर्चा न हो और जहां तक नकली दवाईयों के निर्माण की बात है तो उसमें हर आरोपी जेल में है और यह बात बिल्कुल बेमानी है कि कि यहां पर व्यापक स्तर पर नकली दवाईयां का निर्माण होता है। आज भारत सहित पूरे विश्व में हिमाचल का एक नाम है तो यहां की गुणवत्ता की वजह से। हमने नकली दवा मामले में 12 लोगों को जेल में डाला है जिससे साबित होता है कि हिमाचल में कानून कितना सख्त है। यहां शांतपूर्वक वातावरण में उच्च किस्म की दवा उत्पादन होता है जो कि सैंकड़ों उत्पादकों की अथक मेहनत का नतीजा है। हम चाहते हैं कि दवा उत्पादकों को प्रदेश व केंद्र की ओर से हर सहायता मिले लेकिन गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता हो। हमारी नकली दवा में जीरो टालरेंस की नीति है। मरवाहा ने कहा कि चूंकि दवा एक मरीज से जुड़ा मसला है इसलिए इसके निर्माण में कोताही नहीं बरती जा सकती और दवा में सुधार की गुजाईंश रहती है और इस पर काम होता रहना चाहिए।
गुणवत्ता सबका दायित्व : डा. राजेश गुप्ता
सैमीनार के आयोजक हिमाचल प्रदेश दवा निर्माता संघ के प्रदेशाध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता ने कहा कि गुणवत्ता पूर्वक दवाईयों का निर्माण करना हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि विदेशों से भारत सरकार को घटिया दवाईयां बनाने की जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उसमें हिमाचल की एक भी कंपनी का नाम शामिल नहीं है जो कि हिमाचल के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि सैंपल फेल होना एक अलग बात है लेकिन उसको हिमाचल के साथ जोड़ बढ़ा-चढ़ा कर दर्शाया जाता है जबकि यह गलत बात है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया से जुड़ा मसला है न कि इसका नकली दवाई से कोई लेना-देना होता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार हैदराबाद, अहमदाबाद सहित अन्य स्थानों पर ऐसे सैमीनार लगा रही है जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।
इन्होंने किया संबोधित
इस सैमीनार को एचडीएमए के चेयरमैन सतीश सिंगला, अध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता, संजय शर्मा, डा. चंद्रशेखर रांगा डिप्टी ड्रग कंट्रोलर सीडीएससीओ बद्दी, डा. गौरव प्रताप सिंह आईपीसी गाजियाबाद, डा. रोबिन कुमार, डा. पवन कुमार, डा. प्रसाद थोटा ने भी संबोधित किया। वहीं धन्यवाद प्रसाद एचडीएमए के संरक्षक श्याम लाल सिंगला ने किया।

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