धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर बनी फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ को लेकर केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि फिल्म ने धर्मांतरण के भयावह गठजोड़ को उजागर किया है, केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री ने कहा कि ‘ममता बनर्जी ने फिल्म पर रोक लगाकर पश्चिम बंगाल की बहन-बेटियों के साथ अन्याय किया है। उन्हें बताना चाहिए कि वह आतंकवादी विचारधारा के साथ हैं या उसके खिलाफ।’ ठाकुर ने कहा, ‘यह समझ से परे है कि क्यों उनकी सहानुभूति आतंकवादी संगठनों के साथ है न कि केरल की उन लड़कियों के साथ जो आतंकवाद की शिकार हैं। आज पूरा देश उनसे (बनर्जी से) पूछना चाहता है कि क्यों आतंकवाद को केंद्रित इस फिल्म से उन्हें इतनी समस्या है।’ उन्होंने कहा कि देश में सच्चाई को सामने लाने की कोशिश की गई है और इसका सकारात्मक असर देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस और वामदल एक दशक से जिस सच्चाई को देश से छिपा रहे थे वह हमारे सामने आ गई है। यह महज फिल्म नहीं है बल्कि दस्तावेज है जो भारत के खिलाफ आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों की साजिश को उजागर करता है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कर्नाटक में एक चुनाव रैली के दौरान उपरोक्त फिल्म को लेकर कहा था कि ‘फिल्म द केरला स्टोरी एक आतंकी साजिश पर आधारित है। यह आतंकवाद के क्रूर चेहरे से नकाब उतारती है, आतंकवादियों का पर्दाफाश करती है। धर्मांतरण हिन्दू समाज के लिए एक बड़ी समस्या और चुनौती है।’ इस्लाम और ईसाई मत में विश्वास रखने वालों के निशाने पर हिन्दू हैं। साम, दाम, दंड, भेद हर तरह से वह धर्मांतरण कराने का प्रयास करते हैं। इस मुद्दे को लेकर चिंता प्रकट करते हुए पिछले दिनों विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने जालन्धर में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मिशनरी ताकतों द्वारा लोगों को गुमराह करके किए जा रहे मतांतरण, लव जिहाद तथा असंतुलित हो रही जनसंख्या देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) की ओर से व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सहित देश भर में मिशनरी ताकतों की तरफ से मतांतरण तेजी से करवाया जा रहा है। इसके लिए विदेश से फंडिंग होना और भी चिंता का विषय है। हालांकि, देश में ऐसी करीब 12 हजार संस्थाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने लव जिहाद पर चिंता व्यक्त की और बंगलादेश से गैरकानूनी ढंग से आ रहे लोगों को इसका कारण बताया और कहा कि इसकी वजह से जनसंख्या में असंतुलन बढ़ रहा है। यह देश, खासकर सीमावर्ती राज्यों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
पंजाब सहित देश के कई राज्यों में आये दिन धर्मांतरण को लेकर समाचार प्रकाशित होते हैं। इस मुद्दे को राजनीति से ऊपर उठकर व राष्ट्रहित को सम्मुख रख कर राजनीतिक दलों को कार्य करने की आवश्यकता है। धर्मांतरण जैसे गम्भीर मुद्दे को लेकर समाज व सरकार दोनों स्तर पर चिंतन करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी कदम भी उठाने की आवश्यकता है। अगर समय रहते ऐसा न किया गया तो निकट भविष्य में जनसंख्या के असंतुलित होने की आशंका बनी रहेगी जो देश हित में नहीं है।
– इरविन खन्ना (मुख्य संपादक, दैनिक उत्तम हिन्दू)
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