नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): दुनिया ने तीन साल की महामारी और इसके भारी असर के बाद सामान्य जीवन जीना शुरू ही किया था कि एक बार फिर से कोविड-19 वेरिएंट का प्रकोप सामने आ गया। अमेरिका में कोविड मामलों में वृद्धि ने स्कूलों, कार्यस्थलों और सरकारी कार्यालयों को प्रभावित किया है। अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इस सप्ताह सिफारिश की है कि इस साल सर्दियों में बीमारी के संभावित गंभीर परिणामों से बचाने के लिए 6 महीने और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को अपडेटेड कोविड-19 वैक्सीन मिलनी चाहिए। फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना के अपडेटेड कोविड-19 टीके इस हफ्ते के अंत में उपलब्ध कराए जाने वाले हैं। सीडीसी ने अपने ताजा अपडेट में कहा, ”टीकाकरण कोविड-19 के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव है। टीकाकरण से आपके लंबे समय तक रहने वाले कोविड के प्रभावों से पीड़ित होने की संभावना भी कम हो जाती है।”
कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस हमेशा बदलता रहता है, लेकिन टीकों के कारण खतरा कम हो जाता है। सीडीसी निदेशक मैंडी कोहेन ने कहा, “कोविड-19 के सबसे खराब परिणामों को रोकने के लिए हमारे पास पहले से कहीं अधिक टूल्स हैं।”
पिछले हफ्ते, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने फाइजर और मॉडर्ना के नव-निर्मित कोविड टीकों को मंजूरी दे दी, जो बीमारी के मौजूदा वेरिएंट पर अधिक लक्षित हैं। नए कोविड टीके एक्सबीबी.1.5 वैरिएंट को लक्षित करते हैं, जो तब प्रभावी था जब वैक्सीन निर्माताओं ने एक नया वर्जन तैयार करना और टेस्ट करना शुरू किया। वे मोनोवैलेंट हैं क्योंकि, पहले के बूस्टर के विपरीत उनमें ओरिजनल वायरस से सुरक्षा शामिल नहीं है जो तीन साल पहले व्यापक संक्रमण का कारण बना था।
अमेरिका में स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से शॉट उपलब्ध होते ही टीका लगवाने का आग्रह कर रहे हैं, इस बात को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच कि कोरोनोवायरस, फ्लू और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस का खतरा इस सर्दियों के मौसम में हो सकता है। एफडीए के सेंटर फॉर बायोलॉजिक्स इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. पीटर मार्क्स ने कहा, “टीकाकरण कोविड-19 के गंभीर परिणामों से निरंतर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।” एफडीए के अनुसार, “कोविड-19 टीकों की संरचना को सालाना अपेडेटेड करने की आवश्यकता है, जैसा कि मौसमी इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के लिए किया जाता है।”
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